एन-95 मास्क का इमरजेंसी में इस्तेमाल, कुछ दिन तक सामान्य मास्क रियूज कर रहे

भारत की तरह अमेरिका में कोविड-19 को लेकर गाइडलाइन ज्यादा स्ट्रिक्ट नहीं हैं। यहां हर राज्य और शहर की स्थिति अलग-अलग है। पेन्सिवेलिनिया, जहां मैं काम कर रही हूं। वहां हॉस्पिटल्स में 30% ही पीपीई मिल पा रहे हैं। पूरे अमेरिका में इनकी सप्लाई शॉर्ट है। भारत की तरह ही यहां पर सामान्य सर्जिकल और रेगुलर मास्क का इस्तेमाल किया जा रहा है। मास्क में किसी तरह का अंतर नहीं है। एक ही मास्क को कुछ दिनों तक रियूज किया जा रहा है, जब तक यह खराब नहीं हो जाते हैं।  हॉस्पिटल में एडमिट होने, आइसोलेशन और इमरजेंसी में रेस्प्रेरिटरी डिजीज के लक्षण लेकर आ रहे पेशेंट्स का चैकअप करते वक्त ही एन-95 मास्क, दस्ताने, गाउन व फेसशील्ड लगा रहे हैं। सीडीसी की गाइडलाइन को फॉलो करते हुए पेशेंट्स का इलाज किया जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग कर रहे हैं। जल्दी-जल्दी हाथ धो रहे हैं।
-जैसा प्रणीता भारद्वाज को बताया


डॉक्टर्स घर नहीं जा रहे, ताकि परिवार बचा रहे


आइसीयू में पेशेंटस की देखभाल करने वाले डॉक्टर्स घर नहीं जा रहे हैं। वे होटलों में रुके हुए हैं। ताकि उनके परिवार में किसी तरह का इंफेक्शन नहीं फैल पाएं। क्लिनिक खुली हुई हैं, लेकिन टेलिमेडिसीन के जरिए लोगों को कंसल्टेंसी दी जा रही है। सीरियस पेशेंट जैसे इंजरी, अनकंट्रोल्ड बीपी और हार्ट पेशेंट्स का फिजिकल चैकअप किया जा रहा है। विजिटर्स को आने की परमिशन नहीं है।



मास्क लगाने के बाद भी 6 फीट की दूरी रखना जरूरी
ऑफिस में हर व्यक्ति को मास्क लगाने के बाद छह फीट की दूरी मेंटेन करना जरूरी है। हॉस्पिटल से निकलने और कार में बैठकर खुद को सेनेटाइज करती हूं। फिर जूतों को सेनेटाइज करती हूं। जूतों को घर के अंदर लेकर जाने की बजाय गैरेज में रख रही हूं। इसके बाद कार की चाबी, पर्स को सेनेटाइज कर बाहर की टांग देती हूं। बालों से भी इंफेक्शन फैलने का खतरा है। इसलिए बाहर से आते ही बाल धोना जरूरी है।